शुक्रवार, 20 जून 2008

मालगुजारी की दर तय नहीं है बिहार में

बिहार में एक ओर जहां किसानों की हालत बाढ़ और सूखे के कारण खास्ता रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार भी उसे चूसने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। अब सरकार द्वारा किसानों से वसूली जानेवाली मालगुजारी की बात करें तो सरकार की ओर से अंधेरगर्दी का आलम है। सरकार मौका मिलते ही किसानों से अनाप-शनाप मालगुजारी वसूल रही है।

बिहार में मालगुजारी की दर जमीन की किस्मों के आधार पर 1962 में सर्वे के समय ही तय कर दी गई थी। इस दर को प्रत्येक किसान के खतियानों पर लिख भी दिया गया था। लेकिन कई खतियान ऐसे थे, जिनपर भूलवश यह दर दर्ज नही हो पाई। हालांकि उस खतियान में दर्ज जमीनों जैसी किस्म वाली अन्य आसपास की भूखंडों की दर दूसरे खतियानों पर दर्ज है। लेकिन अब जब बिना दर्ज वाले खतियानों के कास्तकारों ने मालगुजारी अदा करना चाहा तो उनसे मनमानी दर वसूली जा रही है। ऐसा एक वाकया मुजफ्फरपुर के मुशहरी अंचल में सामने आया है।

एक बिना दर दर्ज खतियान पर ब्लॉग लेखक जब 2000 में मालगुजारी अदा करने गया तो उससे आसपास की समान किस्म की जमीन की तय मालगुजारी से चार गुना से अधिक मालगुजारी वसूली गई। पूछने पर अंचल कार्यालय के कर्मचारी ने बताया कि आजकल मालगुजारी की दर काफी बढ गई है इसलिए यही समुचित दर है। मालगुजारी की दर के बारे मे जब `सूचना का अधिकार अधिनियम- 2005´ के तहत 22.11.07 को जानकारी मांगी गई तो अंचल कार्यालय ने अपने पत्रांक 1083 दिनांक 26.12.07 के जवाब में साफ बताया कि मालगुजारी की दर जो खतियानों पर लिखी है, उसी अनुसार वसूली हो रही है। इसमें संशोधन की कोई सूचना कार्यालय को नहीं है। यही सवाल जब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पटना से भी पूछा गया तो उसका जवाब था कि इस तरह की सूचनाएं और उससे संबंधित दस्तावेज अंचल कार्यालय में ही उपलब्ध रहती हैं। विभाग ने यह आवेदन मुशहरी अंचल को ही हस्तांतरित कर दिया।

उधर, मुशहरी अंचल के असंतोषजनक जवाब के बाद प्रथम अपील की गई तो वहां अंचल के लोक सूचना पदाधिकारी तीन तारीखों पर भी उपस्थित नहीं हुए और तब प्रथम अपील प्राधिकारी ने मामले को राज्य आयोग में ले जाने का निर्देश देते हुए इसे बंद कर दिया। इसके बाद मुशहरी के अंचल पदाधिकारी ने पूर्वोक्त जवाब ही अपीलीय प्राधिकारी के यहां जमा करा दिया।

याची इस बारे में मामले को राज्य सूचना आयोग, पटना में अपील में है। आयोग द्वारा इसकी प्रथम सुनवाई की तारीख 3 जुलाई रखी गई है।

2 टिप्‍पणियां:

डॉ .अनुराग ने कहा…

kabhi bhi tay nahi hai hazoor....yahan u.p me bhi nahi

बेनामी ने कहा…

Atul ji, we all are aware of Bihar/UP/MP's situation. Meanwhile, now things are improving with great pace.

You have shared very concerned issue, i enjoyed it and will keep on visiting your blog.