शनिवार, 7 जून 2008

माफी के बाद भी बिहार में मालगुजारी वसूली

बिहार के एक अंचल में गरीब किसानों से बेवजह मालगुजारी वसूली जा रही है। राज्य में सीमांत किसानों की बड़ी संख्या है और उनके लिए मालगुजारी माफी का आंदोलन दशको तक चलता रहा। इसके बाद सरकार ने मालगुजारी माफी का ऐलान भी कर दिया। लेकिन वसूलनेवाली इकाई को शायद यह जानकारी नहीं है। वह ऐसे गरीब किसानों से भी पूरी मालगुजारी वसूल रही है। यह खुलासा सूचना का अधिकार अधिनियम- 2005 (आरटीआई) के तहत मांगी गयी जानकारी में हुआ है। अगर पूरे बिहार में यही हाल है तो इस वसूली की राशि सालाना लाखों में हो सकती है। यहां एक अंचल का तो साक्ष्य मौजूद है लेकिन लगता है पूरे बिहार में एक जैसी ही स्थिति है।

बिहार में इस समय 38 जिले, 101 सब डिवीजन और 534 अंचलों के अंचल सह ब्लॉक के अंतर्गत 45,103 राजस्व ग्राम है। प्रदेश का राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग इस बात को स्वीकार करता है कि राज्य के 2 हेक्टेयर से कम जमीन जोतनेवाले किसानों की मालगुजारी माफ की गयी है। लेकिन राज्य का ही एक अंचल इस बात की जानकारी होने से इनकार करता है। बिहार में कृषि भूमि की मालगुजारी अंचल कार्यालय द्वारा ही वसूली जाती है। आरटीआई के तहत मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी अंचल कार्यालय से आईडी संख्या 22 दिनांक 26।11.2007 को मांगी गयी सूचना कि `कितनी जोत सीमा तक मालगुजारी माफ है और मालगुजारी कितने एकड़ के बाद लागू हो जाती है ?´ के जवाब में पत्रांक 1083 दिनांक 26.12.07 को दी गयी जानकारी में कहा गया है कि `मालगुंजारी माफी संबंधी कोई सूचना अभिलेख में उपलब्ध नहीं है।´

लेकिन इसी कानून के तहत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मुख्य सचिवालय, पटना से मांगी गयी सूचना कि `कितनी जोत सीमा तक मालगुजारी माफ है और कितनी ?´ के जवाब में लोक सूचना पदाधिकारी सह उप सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पटना ने पत्र संख्या - सू।अ.को.रा.भू.- 31/08 1244 (सू.अ.)/ रा. के तहत जवाब दिया है कि `घ. राजस्व विभागीय पत्रांक- 415 दिनांक 16.6.2000 के अनुसार दो हेक्टेयर तक कृषि प्रयोजनादि भूमि पर मालगुजारी माफ है, लेकिन उसपर लगने वाले सेसे की वसूली जारी रहेगी´। यहां सेस कौन कहे, पूरी की पूरी मालगुजारी वसूली जा रही है। इस बारे में पूरे बिहार के सभी अंचलों से तहकीकात किए जाने की जरूरत है कि आखिर यह पैसा किस नियम के तहत वर्षों से राजकोष में जमा हो रहा है। और इसका कोई ऑडिट भी नहीं हो रहा है।
हिन्दुस्तान

3 टिप्‍पणियां:

Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झा ने कहा…

अतुल भाई शुक्रिया एक अच्छे ब्लॉग और बड़े प्रयास के लिए.

गिरीन्द्र

Udan Tashtari ने कहा…

आभार इस आलेख को लाने का.

Rajesh Roshan ने कहा…

एक अच्छी शुरुआत. ये ब्लॉग मैं अपने ब्लोगरोल में अदद कर लेता हू