सोमवार, 25 मई 2009

काले धन पर आडवाणी से सीआईसी ने मांगी सफाई

केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने लोकसभा में नेता विपक्ष लालकृश्ण आडवाणी के कार्यालय को उन कारणों को बताने का निर्देश दिया है, जिसके चलते वह स्विस बैंक में भारतीय काले धन के संबंध में श्री आडवाणी, प्रधानमंत्री डॉ। मनमोहन सिंह और केंद्रीय वित्तमंत्री के बीच हुई खतो-किताबत की जानकारी देने से इंकार कर दिया है।

सीआईसी के उप सचिव पंकज श्रेयस्कर ने जन सूचना अधिकारी सुभाष अग्रवाल की शि़कायत पर जन सूचना आयुक्त को लिखा, `आयोग आपको निर्देश देता है कि इस िशकायत पर टिप्पणी करें ... सूचना उपलब्ध नहीं कराने की वजह को स्पष्ट रूप से बताएं। अग्रवाल ने नेता विपक्ष के कार्यालय में आरटीआई के तहत आवेदन देकर पूर्व गृहमंत्री व उप प्रधानमंत्री रह चुके आडवाणी द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र और उस पर वित्तमंत्री के जवाब की विस्तृत जानकारी मांगी।

आवेदक ने स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा काले धन के संबंध में उन पत्रों और उनके उत्तर, फाइल टिप्पणियों और इस मुद्दे से जुड़े सभी दस्तावेजों की प्रतियों की मांग की थी। विपक्ष के नेता के कार्यालय की ओर से अग्रवाल को कोई जवाब नहीं दिए जाने पर उन्होंने केंद्रीय सूचना आयोग से िशकायत की। यह मामला चुनाव पूर्व प्रचार अभियान के दौरान सामने आया जब भाजपा नेता ने स्विस बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने के प्रयास करने का वादा किया।

3 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

सही कदम
मनमोहन सिंह तो काले धन के जबाब को छिपा सकते हैं, यदि आडवानी सीआईसी के इस कदम के कारण मनमोहन से हुआ पत्राचार आम करते हैं तो हमें मनमोहन की बेशर्मी देखने को मिल जायेगी

Unknown ने कहा…

drama achha hai,
dekhen aage aage hota hai kya....
jaankaari dene k liye
BADHAI

बेनामी ने कहा…

आडवाणी बताये या ना बताये हम बता देते है, बात जरा प्राईवेट है किसी से कहना मत।
स्विस बैंक में सबसे ज्यादा काला धन हमारे राजनेताओं का है, उसके बाद प्राशनिक अधिकारीयों का है।
नेताओं में
खुद आडवानी जी का है छदम नाम से अरबों रूपये के हिसाब से धन छुपा हुआ है इसमें काफी सारे लोगों के हिस्से है
चिदम्बरम जी का है
लालू महाशय तो पहले से ही है
राबर्ट वडेरा का है
गुलाम नबी आजाद का है
पासवान का है
जसवंत सिंह का है
नटवर सिंह का है
करूणानिधी है
जयललिता है
असलम शेरवानी है
और भी बहुत सारे नेता है और प्राशनिक अधिकारी तो असंख्य है,
सभी बड़े पत्रकारों को ये लिस्ट मालूम हैं।